गायिका : शारदा सिन्हा शिव नचारी हम नहि आजु रहब अहि आँगन जं बुढ होइत जमाय, गे माई। एक त बैरी भेल बिध बिधाता दोसर धिया के...
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गायिका : शारदा सिन्हा
शिव नचारी
हम नहि आजु रहब अहि आँगन
जं बुढ होइत जमाय, गे माई।
एक त बैरी भेल बिध बिधाता
दोसर धिया केर बाप।
तेसरे बैरी भेल नारद बाभन ।
जे बुढ अनल जमाय। गे माइ ।।
पहिलुक बाजन डामरू तोड़ब
दोसर तोड़ब रुण्डमाल ।
बड़द हाँकि बरिआत बैलायब
धियालय जायब पराय गे माइ । ।
धियालय जायब पराय गे माइ । ।
धोती लोटा पतरा पोथी
सेहो सब लेबनि छिनाय।
जँ किछु बजताह नारद बाभन
दाढ़ी धय घिसियाब, गे माइ। ।
दाढ़ी धय घिसियाब, गे माइ। ।
भनइ विद्यापति सुनु हे मनाइनि
दृढ करू अपन गेआन ।
सुभ सुभ कय सिरी गौरी बियाहु
गौरी हर एक समान, गे माइ।।
गौरी हर एक समान, गे माइ।।
गौरी हर एक समान, गे माइ।।
गौरी हर एक समान, गे माइ।।
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