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दोस्तों, पिछले दिनों पद्मविभूषण शारदा सिन्हा जी का निधन हो गया। भोजपुरीगीतमाला उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उनके गाए गानों से भोजपुरी एवं मैथिली भाषा जिस तरह लोगों में लोकप्रिय हुई उसे भुलाया नहीं जा सकता है। इसी क्रम में भोजपुरीगीतमाला शारदा सिन्हा जी के गाए उन गीतों को प्रकाशित करता रहा है आगे भी करेगा। खास बात यह है कि शारदा सिन्हा जी के गाए गजल, गीत जो ज्यादा सुने नहीं गए उन्हें खास तौर से यहां प्रकाशित की जाएगी। तो बने रहिए भोजपुरी गीतमाला के साथ उनके गानों के लिए।
Friends, recently Padmavibhushan Sharda Sinha ji passed away. Bhojpuri geetmala pays tribute to him. The way Bhojpuri and Maithili language became popular among the people through the songs sung by him cannot be forgotten. In the same sequence, Bhojpuri Geetmala has been publishing the songs sung by Sharda Sinha ji and will do so in future also. The special thing is that the ghazals and songs sung by Sharda Sinha ji which are not heard much will be specially published here. So stay tuned to Bhojpuri Geetmala for his songs.

Morning Pray


Hara Hara Shambhu
Singer: Abhilipsa Panda, Jeetu Sharma
Lable: Jeetu Sharma


Om Namah Shivay (Dhoon)
Singer: Hemant Chauhan
Music: Appu
Lable: Soor Mandir


Om Har Har Har Mahadev
Singer: Meera Rana, Tara Devi, Fatteman, Raj Bhandari & Chorus
Music: Radio Nepal


Ashutosh Shashank Shekhar
Singer: Sonu Nigam & Chorus
Film: Shiv Mahima
Music: Arun Paudwal


Mere Ghar Ram Aye Hain
Singer: Jubin Nautiyal
Lable: T-Series


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पियवा बिना रे पियवा बिना रे मन कैसे मानी Piwawa Bine Re Man Kaise Mani--Bhojpuri Nirgun Lyrics

This song has two expressions. Think deeply about these meanings. The first sense is about the girl whose age has become fit for marriage...


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This song has two expressions. Think deeply about these meanings. The first sense is about the girl whose age has become fit for marriage. This is the time when he is neither able to have that much attachment with any person from his maternal home nor with his friends. For this reason why most of the marriages take place till that age and she remains single. That is why at this age a friend is needed whom he speaks his mind and gets his company. So who can fulfill this need other than the husband? The second sense is that of devotion. This is called Nirguna Bhava. When a man is almost about to escape from his family responsibilities, then he also needs a partner who can cross him across this ocean. And that is devotion to God. In this ascending age, only the hope of a God can relieve him from the physical and material heats.


एल्बम: जग दुई दिन का मेला (Album: Jag Dui Din Ka Mela)
गायक: मनोज तिवारी (Singer: Manoj Tiwari)
गीतकार: भूषण दुआ (Lyricist: Bhushan Dua)
संगीतकार: मनोज तिवारी (Music: Manoj Tiwari)
लेबल: टी-सीरीज (Label:T-Series)


आं आं आं आं हो हो हो हो हो हो
सजना सनेहिया से मेल होई कहिया
नैहर के पूरा सब खेल होइ जहिया

पियवा बिना रे पियवा बिना रे मन कैसे मानी
पियवा बिना रे मन कैसे मानी
पियवा बिना रे मन कैसे मानी
कैइसे सहाई तोहसे चढ़ी जब जवानी
कैइसे सहाई तोहसे चढ़ी जब जवानी
पियवा बिना रे पियवा बिना रे मन कैसे मानी
पियवा बिना रे मन कैसे मानी

माई के दुलार नाहीं जिनगी बिताई
आरे बाबूजी के बोल नाहीं कहिया सोहाई
अरे माई के दुलार नाहीं जिनगी बिताई
बाबूजी के बोल नाहीं कहिया सोहाई
कहला पर तीत लागी कहला पर तीत लागी
भैया जी के बानी
पियवा बिना रे पियवा बिना रे मन कैसे मानी
पियवा बिना रे मन कैसे मानी

भौउजी के छोह नाहीं तोहके ओबरिहें
अरे नीक होइहैं केतनो पार नाहीं करिहें
भौउजी के छोह नाहीं तोहके ओबरिहें
नीक होइहैं केतनो पार नाहीं करिहें
जननी के साथ नाहीं जननी के साथ नाहीं
पूरिहें जनानी 
पियवा बिना रे पियवा बिना रे मन कैसे मानी
पियवा बिना रे मन कैसे मानी

अरे निमन विचार संगे हरदम तु रहिह
पियवा के खोज में इ जिनगी बितइह
निमन विचार संगे हरदम तु रइह
पियवा के खोज में इ जिनगी बितइह
मिलिहें मनोज सैंया मिलिहें मनोज सैंया
तोहके ए रानी
पियवा बिना रे पियवा बिना रे मन कैसे मानी
पियवा बिना रे मन कैसे मानी
मिलिहें मनोज सैंया तोहके ए रानी
पियवा बिना रे पियवा बिना रे मन कैसे मानी
पियवा बिना रे मन कैसे मानी
कैइसे सहाई तोहसे चढ़ी जब जवानी
पियवा बिना रे पियवा बिना रे मन कैसे मानी
पियवा बिना रे मन कैसे मानी


aa aa aa aa ho ho ho ho 
sajana sanehiya se mel hoi kahiya
naihar ke poora sab khel hoi jahiya
piyava bina re piyava bina re man kaise maani
piyava bina re man kaise maani
piyava bina re man kaise maani
kaise sahaee tohse chadhi jab javani
kaise sahaee tohse chadhi jab javani 
piyava bina re piyava bina re man kaise maani
piyava bina re man kaise maani

maai ke dulaar nahi jingi bitaee
aare babuji ke bol naahi kahiya sohaee
are maai ke dulaar nahi jingi bitaee
babuji ke bol naahi kahiya sohaee
kahla par teet laagi 
kahla par teet laagi 
bhaiya ji ke baani 
piyava bina re piyava bina re man kaise maani
piyava bina re man kaise maani

bhauji ke chhoh naahi tohake obarihen
are neek hoihen ketno paar naahi karihen
bhauji ke chhoh naahi tohake obarihen
neek hoihen ketno paar naahi karihen
janani ke saath naahi 
janani ke saath naahi purihen janaani 
piyava bina re piyava bina re man kaise maani
piyava bina re man kaise maani

are niman vichar sange hardam tu rahiha
piyava ke khoj mein ee jinagi bitaeeh
niman vichar sange hardam tu rahiha
piyava ke khoj mein ee jinagi bitaeeh
milihen manoj saiyan 
milihen manoj saiyan tohke ye raani
piyava bina re piyava bina re man kaise maani
piyava bina re man kaise maani
milihen manoj saiyan tohke ye raani
piyava bina re piyava bina re man kaise maani
piyava bina re man kaise maani
kaise sahaee tohse chadhi jab javani 
piyava bina re piyava bina re man kaise maani
piyava bina re man kaise maani


इस गाने के दो भाव हैं। इन अर्थों को जरा गहरे मन से सोचिए। पहला भाव है उस लड़की के बारे में जिसकी उम्र शादी के लायक हो गई है। यह वह समय होता है जब उसके न तो अपने मायके के किसी व्यक्ति से उतना लगाव रह पाता है और न सहेलियों से। सहेलियों से इस कारण क्यों उस उम्र तक ज्यादतर की शादियां हो जाती हैं और वह अकेली रह जाती है। इसलिए इस उम्र एक ऐसे दोस्त की आवश्यकता होती है जिसे वह अपने मन की बात कहे और उसका संग प्राप्त करे। तो पति के अलावा इस जरूरत को कौन पूरी कर सकता है। दूसरा भाव है एक भक्ति का। इसे निर्गुण भाव कहते हैं। जब मनुष्य अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों से लगभग छूटने वाला होता है तो उसे भी एक ऐसे साथी की जरूरत होती है जो उसे इस भवसागर से पार कर दे। और वह है भगवद भक्ति। इस चढ़ती उम्र में उसे एक भगवान का आसरा ही दैहिक और भौतिक तापों से निजात दिला सकता है। इस गाने को आप भोजपुरीगीतमाला डॉट इन पर सुन और पढ़ सकते हैं। 




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