Husband tells the wife that today a very beautiful wind is blowing. I will sleep in the courtyard today. On this the wife says that what wil...
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Husband tells the wife that today a very beautiful wind is blowing. I will sleep in the courtyard today. On this the wife says that what will you do when the rain drops start falling and sneezing starts? So sleep inside the house. Husband says I will put an umbrella. So the wife says that the umbrella will blow with the strong wind and you will get wet in the rain at night. You will not be able to sleep all night, so sleep at home.
Aaj Pawanma Mohe La Manwa Is Bhojpuri Chhatri Mein Aav (Bhojpuri Kajri) Lyrics Sung By Omprakash Singh Yadav, Sarvjeet Kaur. This Song Is Written By ------ While Music Composed By Dhananjay Mishra. It’s Released By T-Series.
फिल्म : छतरी में आव (भोजपुरी कजरी)
Chhatri Mein Aav (Bhojpuri Kajri)
गायक : ओम प्रकाश सिंह यादव, सर्वजीत कौर ( Singer: Omprakash Singh Yadav, Sarvjeet Kaur)
गीतकार:
संगीतकार: धनंजय मिश्रा (Music: Dhananjay Mishra)
लेबल: टी-सीरीज (Lable: T-Series)
आज पवनवां मोहेला मनवां
आज पवनवां मोहेला मनवां
कतनो कटबु मुसुकि चवनियां
धनिया सुतब अंगनवां ना
कतनो कटबु मुसुकि चवनियां
धनिया सुतब अंगनवां ना
बरसी बदरिया भेदी गटरिया
बरसी बदरिया भेदी गटरिया
आवे लागी छींक मोरे राजा
आजा घर के भीतरिया ना
आवे लागी छींक मोरे राजा
आजा घर के भीतरिया ना
भींगे ना तनवां करब जतनवां
भींगे ना तनवां करब जतनवां
छतरी तानब पड़ी जब पनिया
धनिया सुतब अंगनवां ना
छतरी तानब पड़ी जब पनिया
धनिया सुतब अंगनवां ना
सुन संावरिया ना अड़ी छतरिया
सुन संावरिया ना अड़ी छतरिया
कांपत रतिया बीते बेमाजा
आजा घर के भीतरिया ना
कांपत रतिया बीते बेमाजा
आजा घर के भीतरिया ना
जब सिहरनवां ना होई सहनवां
जब सिहरनवां ना होई सहनवां
आ जाइब लगवां तोहरा रनिया
धनिया सुतब अंगनवां ना
आ जाइब लगवां तोहरा रनिया
धनिया सुतब अंगनवां ना
खनब केवड़िया ना सुनब झिकरिया
खनब केवड़िया ना सुनब झिकरिया
ता घड़ी बाजे न तोहरो बाजा
आजा घर के भीतरिया ना
ता घड़ी बाजे न तोहरो बाजा
आजा घर के भीतरिया ना
आज पवनवां मोहेला मनवां
आज पवनवां मोहेला मनवां
कतनो कटबु मुसुकि चवनियां
धनिया सुतब अंगनवां ना
कतनो कटबु मुसुकि चवनियां
धनिया सुतब अंगनवां ना
बरसी बदरिया भेदी गटरिया
बरसी बदरिया भेदी गटरिया
आवे लागी छींक मोरे राजा
आजा घर के भीतरिया ना
आवे लागी छींक मोरे राजा
आजा घर के भीतरिया ना
कतनो कटबु मुसुकि चवनियां
धनिया सुतब अंगनवां ना
कांपत रतिया बीती बेमाजा
आजा घर के भीतरिया ना
कतनो कटबु मुसुकि चवनियां
धनिया सुतब अंगनवां ना
ता घड़ी बाजे न तोहरो बाजा
आजा घर के भीतरिया ना
इस गीत में कवि कह रहा है कि: इसमें पति पत्नी से कहता है कि आज तो बहुत ही सुंदर हवा चल रही है। मैं आज आंगन में ही सोऊंगा। इस पर पत्नी कहती है कि जब बारिश की बूंदें गिरने लगेंगी और छींक आने लगेंगी तो क्या करोगे? इसलिए घर के अंदर ही सो जाओ। पति कहता है कि मैं छतरी लगा लूंगा। तो पत्नी कहती है कि छतरी हवा के तेज से उड़ जाएगा और रात में तुम बारिश में भींग जाओगे। रात भर सो नहीं पाओगे इसलिए घर में ही सो जाओ।
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