In this song the bullock cart has been described as the most important means of transport in the village. Even today in most of the villages...
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फिल्म : भोजपुरी फोक गीत
गायक : जोगिंदर सिंह अलबेला
गीतकार: जोगिंदर सिंह अलबेला
संगीतकार: जोगिंदर सिंह अलबेला
लेबल: टी सीरीज
आे हो हो हो ओ हो हो हो हो
पक्की रै सड़किया पे चले मोटर गड़िया
कि पनिया में चले ला जहाज
अरे दु गो रे पटरिया पे चले रेलगड़िया
के कच्ची पर गड़िया हमार
चलल जाला चलल जाला चलल जाला हो
सड़किया पे गाड़ी हमार बैलगाड़ी
सबसे अगाड़ी हमार बैलगाड़ी
सड़किया पे गाड़ी हमार बैलगाड़ी
सबसे अगाड़ी हमार बैलगाड़ी
बड़का बइलवा के नथवा नथनवा
ओकरा के सोभेला ललका फुदनवा
ओकरा के सोभेला ललका फुदनवा
छोटका बैइलवा चलावेला लसारी
हमारी बैलगाड़ी सबसे अगाड़ी हमार बैलगाड़ी
सबसे अगाड़ी हमार बैलगाड़ी
घुमी घुमी हांके बैलगाड़ी गाड़ीवानवा
हथवा में पगहा बा छाेड़े मोरे तनवा
हथवा में पगहा बा छाेड़े मोरे तनवा
मारे टिटकारी भागे सबसे अगाड़ी हमार बैलगाड़ी
सबसे अगाड़ी हमार बैलगाड़ी
सड़किया पे गाड़ी हमार बैलगाड़ी
चलल जाला चलल जाला चलल जा हो
सड़किया पे गाड़ी हमार बैलगाड़ी
सबसे अगाड़ी हमार बैलगाड़ी
इस गीत में गांव में सबसे अधिक यातायात के साधन बैलगाड़ी का वर्णन किया गया है। आज भी ज्यादातर गांवों में जहां पक्की सड़क का अभाव है वहां बैलगाड़ी का ही चलन है। इसमें गीतकार कहता है कि जैसे पक्की सड़क पर मोटरगाड़ी चलती है, जैसे पानी में जहाज चलती है या फिर दो पटरियों पर रेलगाड़ी चलती है वैसे ही कच्ची सड़क पर हमारी बैलगाड़ी चलती है। और यह इतनी तेज चलती है कि सबसे आगे चलती है। इसमें जुड़े सबसे बड़े बैल के नाक में लाल रंग का फुदना है तो छोटे वाला बैल अपनी मस्तानी चाल में चलता है। गाड़ी चलानेवाला बैलगाड़ीवान पगड़ी पहने बैलों को ललकारता है और उसे तेज चलने को इशारा करता है। इसी से सबसे आगे हमारी बैलगाड़ी चलती है।
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