Describing the beauty of his sister-in-law in this song, the poet has said that her face is like a full moon moon. Eyes like deer and lips l...
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Describing the beauty of his sister-in-law in this song, the poet has said that her face is like a full moon moon. Eyes like deer and lips like betel leaves. If I stay away from them, I don't feel like it. We are unknown to them. Then, if you are so decorated, then there will be a stir in my mind. I have died on you in my heart. The anklets in your feet, the nepurs in your ears, the darkas in your waist and your youth is like a peacock. Motimala in the neck and Nathia in the nose, earrings in the ears and a bindi on the forehead. The cajra in the eye and the curly talk are amazing. In the end the poet says that O sister-in-law, seeing you, I have fallen in love so much that it seems that you are our best sister-in-law. The mind remains happy and cheerful to see your face decorated.
फिल्म :
गायक : हरिनाथ झा
गीतकार:
संगीतकार:
आं आं आं हूं हूं हूं
मुंह हुनकर पुनील चान जना
मुंह हुनकर पुनील चान जना
आंखि हिरनीक ठोर पान जना
रहि एसगर नै कतौ नीक लगै
हुनका लेल हम छी आन जना
एना ज आहां
एना ज आहां
एना ज आहां
रूप सजाएब एै कनिया
एै कनिया इ नैना
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
एना ज आहां
एना ज आहां
रूप सजाएब एै कनिया
एै कनिया इ नैना
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
पैर में पायल कान में नेपुर
डार में डरकस यौवन के मोर
पैर में पायल कान में नेपुर
डार में डरकस यौवन के मोर
नै जानि कोनो देवता आहां के बनैलक
एै कनिया इ नैना किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
गरदन में मोती नाक में नथिया
गरदन में मोती नाक में नथिया
कानों में झ़ुमका माथे में बिंदिया
आंखि के सुरैबी आंखि के सुरैबी लट घुमुरौआ
एै कनिया इ नैना किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
ऐना किया करै छि यौ छोटका बौआ
ऐना किया करै छि यौ छोटका बौआ
मुंह लगैया जेना रहितौं अाहां कौआ
हे यै भौजी हे यै भौजी
सेकेंड हेंड कनिया
मोन में देखलौ अहां खुबे देखलौं
आहां सन भौज पाबि हम तरि गेलौं
जेखने लगैया कोना
जेखने लगैया कोना अहां केर गालक लाली
एै कनिया इ नैना किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
एना ज आहां
रूप सजाएब ए कनिया
एै कनिया इ नैना
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
है ये कनिया है ये कनिया
ऐना ज अाहां रूप सजायब एै कनिया
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
किया नै हाएत बवंडर
मरै छी अंदर अंदर
इस गीत में कवि अपनी भाभी की सुंदरता का वर्णन करते हुए कहा है कि उनका मुखड़ा पूर्णिमा के चांद जैसा है। आंख हिरनी के जैसा और होंठ पान के लालिमा जैसा। अगर मैं उनसे अलग रहता हूं तो मन नहीं लगता है। उनके लिए हम तो अनजान जैसे हैं। फिर आप जो इतना सज संवरेंगी तो मेरे मन में हलचल उठेगा ही। मैं तो मन ही मन आप पर मर मिटा हूं। आपके पैर में पायल, कान में नेपुर, कमर में डरकस और आपकी जवानी मोर के जैसा है। गरदन में मोतीमाला और नाक में नथिया तो कानों में झुमका और माथे पर बिंदिया सज रही है। आंख में लगने वाला कजरा और घुंघराले बात तो गजब ढा रहे हैं। अंत में कवि कहता है कि हे भाभी आप को देखते देखते इतना प्यार हो गया है कि लगता है आप ही हमारी सबसे अच्छी भाभी हैं। आपका सजा संवरा मुखरा देख के मन हर्षित व प्रफुल्लित रहता है।
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