FALSE

Page Nav

HIDE
HIDE
HIDE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest
दोस्तों, पिछले दिनों पद्मविभूषण शारदा सिन्हा जी का निधन हो गया। भोजपुरीगीतमाला उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उनके गाए गानों से भोजपुरी एवं मैथिली भाषा जिस तरह लोगों में लोकप्रिय हुई उसे भुलाया नहीं जा सकता है। इसी क्रम में भोजपुरीगीतमाला शारदा सिन्हा जी के गाए उन गीतों को प्रकाशित करता रहा है आगे भी करेगा। खास बात यह है कि शारदा सिन्हा जी के गाए गजल, गीत जो ज्यादा सुने नहीं गए उन्हें खास तौर से यहां प्रकाशित की जाएगी। तो बने रहिए भोजपुरी गीतमाला के साथ उनके गानों के लिए।
Friends, recently Padmavibhushan Sharda Sinha ji passed away. Bhojpuri geetmala pays tribute to him. The way Bhojpuri and Maithili language became popular among the people through the songs sung by him cannot be forgotten. In the same sequence, Bhojpuri Geetmala has been publishing the songs sung by Sharda Sinha ji and will do so in future also. The special thing is that the ghazals and songs sung by Sharda Sinha ji which are not heard much will be specially published here. So stay tuned to Bhojpuri Geetmala for his songs.

Morning Pray


Hara Hara Shambhu
Singer: Abhilipsa Panda, Jeetu Sharma
Lable: Jeetu Sharma


Om Namah Shivay (Dhoon)
Singer: Hemant Chauhan
Music: Appu
Lable: Soor Mandir


Om Har Har Har Mahadev
Singer: Meera Rana, Tara Devi, Fatteman, Raj Bhandari & Chorus
Music: Radio Nepal


Ashutosh Shashank Shekhar
Singer: Sonu Nigam & Chorus
Film: Shiv Mahima
Music: Arun Paudwal


Mere Ghar Ram Aye Hain
Singer: Jubin Nautiyal
Lable: T-Series


Ads by Eonads

Ads Place


बड़की पतोहिया के आरे पांचे पांचे ननका Badki Patohiya Ke Aare Panch Panch Nanka--Bhojpuri AjeetKumar Akela Lyrics

This song is from the time when family planning was not widely publicized. In this song the poet says that the elder daughter-in-law has fiv...


Ads by Eonads





This song is from the time when family planning was not widely publicized. In this song the poet says that the elder daughter-in-law has five children in a house. So the ninth child of the younger daughter-in-law is about to happen. In such a situation, how will the dharma work be done? How can such a mountainous life be cut on an earner? The broken bunk and broken door is telling its story. One child has a cloth on his body and the other is moving without clothes. Every year someone keeps getting some disease or the other, then from where will the money be saved. Every day weeps crying. Therefore, explain to everyone that there should not be more than two children.


फिल्म :  मोरी सजनी रे

गायक :  अजीत कुमार अकेला

गीतकार:  

संगीतकार: रवि डाटे


बड़की पतोहिया के आरे पांचे पांचे ननका

छोटी के नौ ठो पुरल जाता 

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया 

बड़की पतोहिया के पांचे पांचे ननका

छोटी के नौ ठो पुरल जाता 

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया 


एगो कमैया पर ऐसन फुटानी

टूटल मड़ैया बा टूटल पलानी

एगो कमैया पर ऐसन फुटानी

टूटल मड़ैया बा टूटल पलानी

परिवार लम्हर  परिवार लम्हर भइल जाता 

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया 


एगो के कपड़ा त एगो उघरले 

पढ़ले न लिखले बकरिया चरवले

एगो के कपड़ा त एगो उघरले 

पढ़ले न लिखले बकरिया चरवले

चौपट इ जिनगी चौपट इ जिनगी धंसल जाता 

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया


साले साले रोगवा में पैसा फुकावे

लिक िलक देहिया के देखे डेरावे

साले साले रोगवा में पैसा फुकावे

लिक िलक देहिया देखी डर लागे 

रोई रोई दिनवा रोई रोई दिनवा कटल जाता 

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया 


सबके बुझाई समझाई कहनवां

दुगो से अधिका न होईहें ललनवां

सबके बुझाई समझाई कहनवां

दुगो से अधिका न होईहें ललनवां

अधिक लाइहें अधिक लाइहें करत वादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया 


बड़की पतोहिया के आरे पांचे पांचे ननका

छोटी के नौ ठो पुरल जाता 

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया 

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा

कैसे बांची धरमिया उमिर दादा


यह गीत उस समय का है जब परिवार नियोजन का उतना ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं था। इस गीत में कवि कहता है कि एक घर में बड़ी बहू के पांच पांच बच्चे हैं। तो छोटी बहू के नौवीं संतान होने को है। ऐसे में कैसे धर्म कर्म होगी। एक कमाई करने वाले पर इस तरह की पहाड़ वाली जिंदगी कैसे कटेगी। टूटी चारपाई व टूटा दरवाजा इसकी कहानी कह रहा है। एक बच्चे के शरीर पर कपड़ा है तो दूसरा बिन कपड़े का घूम रहा है। हर साल किसी को कोई न कोई  बीमारी होती ही रहती है फिर पैसे कहां से बचेगी। हर दिन रोते रोते कटता है। इसलिए सबको समझाओ कि दो से अधिक बच्चे न हो। 



No comments