In this song, a young woman remembers her lost lover and tells him that since you left me, there is no happiness of any kind in my min...
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In this song, a young woman remembers her lost lover and tells him that since you left me, there is no happiness of any kind in my mind. You have gone when there should have been happiness and now there is nothing. At the same time, she also mentions some other circumstances that for her many boys want to be her lover. I am spreading my hand for that when you will come in my arms. She takes a jibe at her mother-in-law and says that whenever I sweep the courtyard of the house, she scolds me and beats me up at times.
फिल्म :
गायक : देवी
गीतकार:
संगीतकार:
बहे के पुरबा रामा बह गइले पछुआ सजनवा रे
बह गइले शीतल बेयार मोर सजनवा रे
बह गइले शीतल बेयार मोर सजनवा रे
बहे के पुरबा रामा बह गइले पछुआ सजनवा रे
बह गइले शीतल बेयार मोर सजनवा रे
बह गइले शीतल बेयार मोर सजनवा रे
सावन में बदरा बरसे सेजिया डसावे रामा
सावन में बदरा बरसे सेजिया डसावे रामा सजनवा रे
लागी गइले रतिया जे नींद मोर सजनवा रे
लागी गइले रतिया जे नींद
बहे के पुरबा रामा बह गइले पछुआ सजनवा रे
बह गइले शीतल बयार मोर सजनवा रे
बह गइले शीतल बयार मोर सजनवा रे
नेहिया के मातल छैला बहिया लखावे रामा
नेहिया के मातल छैला बहिया लखावे सजनवा रे
तोरी देले गरवा के हार सजनवा रे
तोरी देले गरवा के हार
बहे के पुरबा रामा बह गइले पछुआ सजनवा रे
बह गइले शीतल बयार मोर सजनवा रे
बह गइले शीतल बयार मोर सजनवा रे
निहुरी निहुरी हम अंगना बहारनी सजनवा रे
निहुरी निहुरी हम अंगना बहारनी सजनवा रे
सासु निरठ देहिया मोर सजनवा रे
सासु निरठ देहिया मोर सजनवा रे
बहे के पुरबा रामा बह गइले पछुआ सजनवा रे
बह गइले शीतल बेयार मोर सजनवा रे
बह गइले शीतल बेयार मोर सजनवा रे
बहे के पुरबा रामा बह गइले पछुआ सजनवा रे
बह गइले शीतल बेयार मोर सजनवा रे
बह गइले शीतल बेयार मोर सजनवा रे
इस गीत में एक युवती अपने बिछड़े प्रेमी की याद में उसे कहती है कि जब से तुम मुझे छोड़कर गए हो उस समय से मेरे मन में किसी भी तरह की कोई खुशी नहीं है। जब खुशी होनी चाहिए थी तब तुम चले गए और अब कुछ भी नहीं है। साथ ही वह कुछ अन्य परिस्थितियों का भी जिक्र करती है कि उसके लिए कई लड़के उसके प्रेमी का रूप बनना चाहते हैं। उसके लिए अपना हाथ फैलाए हुए हैं कि कब तुम मेरे बांहों में आ जाओगी। वह अपनी सास की बुराई करते हुए कहती है कि जब भी मैं घर आंगन बुहारती हूं तो वह मुझे डांटती फटकारती हैं साथ ही कभी भी मेरी पिटाई भी करती हैं।
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