This is a Sawan song called Kajri. In this, women swing together and make fun of each other, laugh and laugh. In this sequence, a friend say...
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This is a Sawan song called Kajri. In this, women swing together and make fun of each other, laugh and laugh. In this sequence, a friend says to her friend that why are you boasting so much in this Sawan? The clouds are very thick and dark. The drops coming out of it are falling on your body. If your eyes are bitter, then things are also very sweet and beautiful. When you walk, you move with a swing. In this Sawan, your husband will come home and then his company will break this pride or arrogance of yours. Just as the melodious tone disturbs the peace of the whole world as soon as the flute is applied to the lips. So give up your pride or arrogance.
Kahe Karelu Gumaan Gori Is Bhojpuri (Malini Avasthi) Kajari Lyrics Sung By Malini Avasthi. This Song Is Written By Traditional While Music Composed By Malini Avasthi. It’s Released By T-Series.
फिल्म : काहे करेलु गुमान गोरी-कजरी (Album: Kahe Karelu Gumaan Gori-Kajari)
गायक : मालिनी अवस्थी (Singer: Malini Avasthi)
गीतकार: पारंपरिक (Lyrics: Traditional)
संगीतकार: मालिनी अवस्थी (Music: Malini Avasthi)
लेबल: टी-सीरीज (Lable: T-Series)
काहे करेलू काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
काहे करेलू गुमान गोरी
काहे करेलू गुमान गोरी
हो काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
छाई घटा घनघोर बिजली चमके चहूं ओर
छाई घटा घनघोर बिजली चमके चहूं ओर
छाई घटा घनघोर बिजली चमके चहूं ओर
पड़े बूंदन हो पड़े बूंदन फुहार गोरी सावन में
पड़े बूंदन फुहार गोरी सावन में
काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
अंखियां तोरी हैं कटीली बतिया बड़ी हैं रसीली
अंखियां तोरी हैं कटीली बतिया बड़ी हैं रसीली
चाल चले झूम
हो चाल चले झूम झूम गोरी सावन में
चाल चले गोरी झूम झूम सावन में
चाल चले गोरी झूम झूम
चाल चले गोरी झूम झूम
हो चाल चले झूम झूम गोरी सावन में
चाल चले गोरी झूम झूम
अबहीं अइहें सांवरिया बंसी धरिहें अधरवा
अबहीं अइहें सांवरिया बंसी धरिहें अधरवा
अरि अइहें सांवरिया बंसी धरिहें अधरवा
टूट जाइहें तोहरा
हो टूट जाइहें तोहरा मान गोरी सावन में
टूट जाइहें तोहरा मान गोरी सावन में
टूट जाइहें तोहरा मान गोरी सावन में
टूट जाइहें तोहरा मान गोरी सावन में
काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
हो काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
गुमान गोरी सावन में
गुमान गोरी सावन में
गुमान गोरी सावन में
यह एक सावन गीत है जिसे कजरी कहा जाता है। इसमें महिलाएं मिलकर झूला झूलती हैं और एक दूसरे से हंसी मजाक, हंसी ठिठोली करती हैं। इसी क्रम में एक सखी अपने सहेली से कहती है कि तुम इतना घमंड इस सावन में क्यों कर रही हो? बादल बहुत ही घने और काले हैं। उससे निकलने वाले बूंद तुम्हारे शरीर पर गिर रहे हैं। तुम्हारी आंखें कटीली हैं तो बात भी बहुत ही मीठी और सुंदर हैं। तुम जब चलती हो तो झूम झूम कर चाल चलती हो। इस सावर में तुम्हारे पति घर आएंगे और फिर उनका संग तुम्हारे इस अभिमान या घमंड को तोड़ डालेगा। जिस तरह बांसुरी को होठों से लगाते ही मधुर तान सारे जग की शांति भंग कर डालती है। इसलिए तुम अपना अभिमान या घमंड छोड़ दो।
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