Kekar Batiya Niharelu Goriya Is Bhojpuri (Munna Singh) Sad Song Lyrics Sung By Munna Singh . This Song Is Written By Traditional While M...
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Kekar Batiya Niharelu Goriya Is Bhojpuri (Munna Singh) Sad Song Lyrics Sung By Munna Singh. This Song Is Written By Traditional While Music Composed By Durga Prasad Masumdar. It’s Released By T-Series.
In this song, a woman is told while looking for her husband who has gone abroad. The poet says that you are looking for some way. Sitting in such a deserted place and corner. What pleasure do you get here? Whose song are you listening to? Whose music is ringing in your mind? How have you loved Because of which you have become a Tithari (a bird). You are sitting with makeup in such a way that even the world does not care about Mercury. Then the poet says that the way the bumblebee hides in the lotus or the chakor gazes at the moon In the same way, in whose love have you become so mad that you are looking forward to his path. Just as Radha showered her love on Krishna, similarly you too have found your love by holding hands with your beloved. Now you have given up on it.
फिल्म : केकर बटिया निहारेलू गोरिया (Album: Kekar Batiya Niharelu Goriya)
गायक : मुन्ना सिंह (Singer: Munna Singh)
गीतकार: पारंपरिक (Lyrics: Traditional)
संगीतकार: दुर्गा प्रसाद मजूमदार (Music: Durga Prasad Masumdar)
लेबल: टी सीरीज (Lable: T-Series)
केकर बटिया निहारेलू गोरिया
बैइठल छितिजवा के पार
हो हो हो
केकर बटिया निहारेलू गोरिया
बैइठल छितिजवा के पार
केकर सुरतिया पुतरिया में भरलू
कैइसन सुख लागि इतना तू मरेलू
केकर गितिया सुनावेलू गोरिया
मनके बजावत सितार
हो हो हो
केकर बटिया निहारेलू गोरिया
बैइठल छितिजवा के पार
कइसन नेहिया के देहिया गंवैइलू
केकरा के जोहत टिटिहरी तू भइलू
कवना सजन रंग रंगैइलू हो गोरिया
दिहलू तू जग के बिसार
हो हो हो
केकर बटिया निहारेलू गोरिया
बैइठल छितिजवा के पार
काहे कमलवा में भौंरा नुकाला
काहे चकोरवा के चंदा सोहाला
तू कौना रस में ठकैलू हो गोरिया
ढावे लू करि करि सिंगार
हो हो केकर बटिया निहारेलू गोरिया
बैइठल छितिजवा के पार
देखते अादित काहे मन फुलाला
वृंदावन राधिका किसुना लुटाला
हथवा के गेठिया जोड़वले हो गोरिया
दिहलू गोसाईं प्यार
हो हो हो हथवा के गेठिया जोड़वले हो गोरिया
दिहलू गोसाईं प्यार
केकर बटिया निहारेलू गोरिया
बैइठल छितिजवा के पार
हो हो हो हो
केकर बटिया निहारेलू गोरिया
बैइठल छितिजवा के पार
kekar batiyaa nihaarelu goriya
baithal chhitijavaa ke paar
ho ho ho
kekar batiyaa nihaarelu goriya
baithal chhitijavaa ke paar
kekar suratiya putariya mein bharalu
kaisan sukha laagi itana tu marelu
kekar gitiya sunaavelu goriya
manake bajaavat sitaar
ho ho ho
kekar batiyaa nihaarelu goriya
baithal chhitijavaa ke paar
kayisan nehiya ke dehiya ganvailu
kekara ke johata titihari tu bhayilu
kavanaa sajana ranga rangailu ho goriya
dihalu tu jaga ke bisaara
ho ho ho
kekar batiyaa nihaarelu goriya
baithal chhitijavaa ke paar
kaahe kamalava mein bhaunra nukaala
kaahe chakorava ke chanda sohaala
tu kauna ras mein thakailu ho goriya
dhaave lu kari kari singaar
ho ho ho
kekar batiyaa nihaarelu goriya
baithal chhitijavaa ke paar
dekhate aaadita kaahe mana phulaalaa
vrindaavan raadhika kisuna lutaala
hathava ke gethiya jodavale ho goriya
dihalu gosayin pyaar
ho ho ho
hathava ke gethiya jodavale ho goriya
dihalu gosayin pyaar
kekar batiyaa nihaarelu goriya
baithal chhitijavaa ke paar
ho ho ho
kekar batiyaa nihaarelu goriya
baithal chhitijavaa ke paar
इस गीत में एक महिला के अपने परदेश गए हुए पति की राह देखते हुए बताया गया है। कवि कहता है कि तुम किसी राह देख रही हो। इस तरह सूने जगह और कोने में बैठकर। कौन सा सुख तुम्हें यहां मिलता है? किसे गीत गाकर तुम सुना रही हो? किसके संगीत तुम्हारे मन में झंकृत हो रहे हैं। कैसे किससे तूने प्यार किया है। जिसके चलते तुम टिटहरी (एक पक्षी) बनकर रह गई हो। इस तरह श्रृंगार करके बैठी हो कि संसार की भी सुध बुध नहीं है तुम्हें। फिर कवि कहता है कि जिस तरह कमल में भौंरा छिप जाता है या फिर चकोर चांद को निहारता है उसी तरह तुम किसके प्यार में इतना पागल हो गई हो कि सज धजकर उसकी राह देख रही हो। जिस तरह राधा ने अपना प्यार कृष्ण पर लुटाया उसी तरह तुमने भी अपने प्रियतम से हाथ पकड़कर अपना प्यार पाया है। अब तुम उसी पर न्यौछावर हो चुकी हो।
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