Siya Sang Jhoolen Bagiya Main Ram Is Bhojpuri (Malini Avasthi) Kajari Lyrics Sung By Malini Avasthi . This Song Is Written By Traditional ...
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Siya Sang Jhoolen Bagiya Main Ram Is Bhojpuri (Malini Avasthi) Kajari Lyrics Sung By Malini Avasthi. This Song Is Written By Traditional While Music Composed By Malini Avasthi. It’s Released By Malini Avasthi Youtube Channel.
This song is sung in the form of Kajari in the month of Sawan. The lyricist, while describing the first Sawan of Lord Rama and Mata Sita, has said that Lord Rama is swinging in the garden with Sita. This swing or carousel is placed where it swings at all times. Where Sita is fair, Ram is dark. Their image is similar to that of Kamadeva and Rati. Ram and Sita are swinging and Lakhan is swinging them. Lakhan is getting happy and merry in his heart while swinging them. The poet says that in this way Shri Ram and Sita should remain in my mind. This is the wish of my heart.
फिल्म : कजरी (Album: Kajari)
गायक : मालिनी अवस्थी (Singer: Malini Avasthi)
गीतकार: पारंपरिक (Lyrics: Traditional)
संगीतकार: मालिनी अवस्थी (Music: Malini Avasthi)
लेबल: मालिनी अवस्थी यूट्यूब चैनल (Lable: Malini Avasthi Youtube Channel)
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
जहां पड़ा है हिंडोला आठों जाम ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
गोरे रंग जानकी सांवरे सलोने प्रभू
गोरे रंग जानकी सांवरे सलोने प्रभू
छवि ऐसी बनी मानो रति काम ललना
छवि ऐसी बनी मानो रति काम ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
राम िसया झूलैं लखन झूलावैं
लखन झूलावैं राम िसया झूलैं
लखन झूलावैं झूला झूलावैं
झूला झूलावैं रामा लखन झूलावैं
राम िसया झूलैं लखन झूलावैं
मुनि मन भयो है
मुनि मन भयो है निहाल ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
श्यामदास यह रूप की मितासी पद
श्यामदास यह रूप की मितासी पद
मोरे हिया में बसहू
मोरे हिया में बसहू सिया राम ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
जहां पड़ा है हिंडोला आठों जाम ललना
सिया संग झूले बगिया में राम ललना
सिया संग सिया संग सिया संग
झूले बगिया में राम ललना
मोरे राम ललना
अजी राम ललना
राम ललना
मोरे राम ललना
मोरे राम ललना
मोरे राम ललना
मोरे राम ललना
इस गीत को सावन के महीने में कजरी के रूप में गाया गया है। गीतकार ने भगवान राम और माता सीता के पहले सावन का वर्णन करते हुए कहा है कि भगवान राम सीता के साथ बगीचे में झूलना झूल रहे हैं। यह झूला या हिंडोला वहां लगा हुआ है जहां सभी पहर में यह झूलता है। जहां गोरी सीता हैं तो राम सांवले हैं। इनकी छवि कामदेव और रति के समान है। राम और सीता झूला झूल रहे हैं और लखन उन्हें झुला रहे हैं। लखन उन्हें झुलाते हुए मन ही मन प्रसन्न और प्रमुदित हो रहे हैं। कवि यह कहता है कि मेरे मन में इसी तरह श्रीराम और सीता बसे रहें। यही मेरे मन की कामना है।
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